भक्ति आंदोलन पर 25 महत्वपूर्ण MCQ प्रश्न और उनके उत्तर

भक्ति आंदोलन मध्यकालीन भारत का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आंदोलन था। इसकी समझ को और गहरा करने के लिए नीचे 25 बहुविकल्पीय प्रश्न दिए जा रहे हैं। हर प्रश्न के साथ संक्षिप्त व्याख्या (Explanation) भी दी गई है ताकि विषय स्पष्ट हो सके।
MCQ प्रश्नोत्तरी
-
भक्ति आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- A) केवल मंदिर निर्माण
- B) भगवान के प्रति व्यक्तिगत प्रेम और भक्ति
- C) साम्राज्य विस्तार
- D) विदेशी व्यापार
उत्तर: B) भगवान के प्रति व्यक्तिगत प्रेम और भक्ति
व्याख्या: भक्ति आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था व्यक्ति और भगवान के बीच सीधा संबंध स्थापित करना। -
भक्ति आंदोलन का उद्भव किस काल में हुआ?
- A) गुप्त काल
- B) मौर्य काल
- C) मध्यकाल
- D) वैदिक काल
उत्तर: C) मध्यकाल
व्याख्या: भक्ति आंदोलन का विकास मुख्य रूप से 8वीं से 17वीं शताब्दी के बीच हुआ। -
भक्ति आंदोलन के प्रारंभिक विकास का केंद्र कहाँ था?
- A) उत्तर भारत
- B) दक्षिण भारत
- C) बंगाल
- D) पंजाब
उत्तर: B) दक्षिण भारत
व्याख्या: भक्ति आंदोलन की शुरुआत दक्षिण भारत में आलवार और नयनार संतों से मानी जाती है। -
उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन के प्रसार में किस संत का योगदान प्रमुख है?
- A) कबीर
- B) रामानंद
- C) चैतन्य महाप्रभु
- D) मीराबाई
उत्तर: B) रामानंद
व्याख्या: रामानंद ने उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन की परंपरा को लोकप्रिय बनाया। -
भक्ति आंदोलन में "भक्ति" शब्द का क्या अर्थ है?
- A) विद्या
- B) श्रद्धा और प्रेम
- C) शक्ति
- D) राजनीति
उत्तर: B) श्रद्धा और प्रेम
व्याख्या: भक्ति का अर्थ है ईश्वर के प्रति प्रेम, श्रद्धा और समर्पण। -
भक्ति आंदोलन के दौरान संतों ने किस भाषा का प्रयोग किया?
- A) केवल संस्कृत
- B) केवल फारसी
- C) स्थानीय भाषाएँ
- D) अंग्रेज़ी
उत्तर: C) स्थानीय भाषाएँ
व्याख्या: संतों ने अवधी, ब्रज, हिंदी, तमिल, तेलुगु जैसी भाषाओं में रचनाएँ कीं। -
किस संत ने जाति-पांति का विरोध किया और कहा – “जाति न पूछो साधु की”?
- A) तुलसीदास
- B) कबीर
- C) सूरदास
- D) रहीम
उत्तर: B) कबीर
व्याख्या: कबीर ने जातिवाद और पाखंड का विरोध किया और समता का संदेश दिया। -
मीराबाई किस देवता की भक्त थीं?
- A) राम
- B) शिव
- C) कृष्ण
- D) विष्णु
उत्तर: C) कृष्ण
व्याख्या: मीराबाई श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थीं और उन्होंने अनेक पद लिखे। -
भक्ति आंदोलन का साहित्य किस रूप में अधिक लिखा गया?
- A) उपनिषद
- B) दोहे, भजन और पद
- C) वेद
- D) फारसी ग्रंथ
उत्तर: B) दोहे, भजन और पद
व्याख्या: संतों ने आम जनता तक संदेश पहुँचाने के लिए सरल पद और दोहे लिखे। -
सूफी और भक्ति आंदोलन में समानता क्या थी?
- A) ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण
- B) कर्मकांड पर बल
- C) जाति व्यवस्था का समर्थन
- D) केवल संस्कृत साहित्य
उत्तर: A) ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण
व्याख्या: दोनों आंदोलनों ने प्रेम और भक्ति के आधार पर ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग बताया। -
भक्ति आंदोलन में किस चीज़ का विरोध किया गया?
- A) समता
- B) पाखंड और कर्मकांड
- C) लोकभाषाएँ
- D) ईश्वर-भक्ति
उत्तर: B) पाखंड और कर्मकांड
व्याख्या: संतों ने बाहरी कर्मकांड और अंधविश्वास का विरोध किया। -
किस संत ने "रामचरितमानस" की रचना की?
- A) कबीर
- B) सूरदास
- C) तुलसीदास
- D) रहीम
उत्तर: C) तुलसीदास
व्याख्या: तुलसीदास ने अवधी भाषा में रामचरितमानस की रचना की। -
सूरदास किसके भक्त थे?
- A) भगवान राम
- B) भगवान कृष्ण
- C) भगवान शिव
- D) माँ दुर्गा
उत्तर: B) भगवान कृष्ण
व्याख्या: सूरदास ने विशेष रूप से बालकृष्ण के जीवन का वर्णन किया। -
भक्ति आंदोलन ने किस वर्ग पर सबसे अधिक प्रभाव डाला?
- A) केवल उच्च वर्ग
- B) केवल ब्राह्मण वर्ग
- C) सामान्य जनता
- D) विदेशी व्यापारी
उत्तर: C) सामान्य जनता
व्याख्या: स्थानीय भाषाओं में साहित्य और भक्ति गीतों के कारण आम लोग प्रभावित हुए। -
“भक्ति आंदोलन” ने किन क्षेत्रों में योगदान दिया?
- A) केवल राजनीति
- B) केवल कला
- C) समाज, साहित्य और संगीत
- D) केवल व्यापार
उत्तर: C) समाज, साहित्य और संगीत
व्याख्या: इस आंदोलन ने समाज में समता, साहित्य में लोकभाषाओं और संगीत में भक्ति गीतों को प्रोत्साहित किया। -
भक्ति आंदोलन का एक प्रमुख प्रभाव क्या था?
- A) जाति व्यवस्था को मजबूत करना
- B) ईश्वर तक पहुँचने का सरल मार्ग
- C) विदेशी शासन को बढ़ावा देना
- D) व्यापार का विकास
उत्तर: B) ईश्वर तक पहुँचने का सरल मार्ग
व्याख्या: भक्ति आंदोलन ने प्रेम और श्रद्धा के माध्यम से भगवान को प्राप्त करने का रास्ता बताया। -
आलवार और नयनार संत किस क्षेत्र से संबंधित थे?
- A) उत्तर भारत
- B) दक्षिण भारत
- C) बंगाल
- D) गुजरात
उत्तर: B) दक्षिण भारत
व्याख्या: आलवार विष्णु भक्त और नयनार शिव भक्त थे। -
किस संत ने "विद्या विनय से आती है" कहकर शिक्षा का महत्व बताया?
- A) तुलसीदास
- B) रहीम
- C) सूरदास
- D) कबीर
उत्तर: B) रहीम
व्याख्या: रहीम ने अपने दोहों के माध्यम से नैतिक शिक्षा और सदाचार का संदेश दिया। -
किस संत को “निर्गुण भक्ति” का प्रवर्तक माना जाता है?
- A) सूरदास
- B) तुलसीदास
- C) कबीर
- D) मीराबाई
उत्तर: C) कबीर
व्याख्या: कबीर ने निराकार ईश्वर की भक्ति को महत्व दिया। -
“रामानुजाचार्य” किस प्रकार की भक्ति से जुड़े थे?
- A) ज्ञानयोग
- B) कर्मयोग
- C) विशिष्टाद्वैत भक्ति
- D) हठयोग
उत्तर: C) विशिष्टाद्वैत भक्ति
व्याख्या: रामानुजाचार्य ने विशिष्टाद्वैत दर्शन का प्रचार किया। -
चैतन्य महाप्रभु किस देवता के अनन्य भक्त थे?
- A) राम
- B) शिव
- C) कृष्ण
- D) गणेश
उत्तर: C) कृष्ण
व्याख्या: चैतन्य महाप्रभु ने विशेष रूप से श्रीकृष्ण भक्ति का प्रचार किया। -
भक्ति आंदोलन का साहित्य किसकी समझ में आता था?
- A) केवल पंडितों की
- B) केवल विद्वानों की
- C) आम जनता की
- D) विदेशी यात्रियों की
उत्तर: C) आम जनता की
व्याख्या: भक्ति साहित्य स्थानीय भाषाओं में लिखा गया, जिससे साधारण लोग आसानी से समझ पाते थे। -
भक्ति आंदोलन का सबसे बड़ा योगदान क्या था?
- A) राजनीति में परिवर्तन
- B) धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक समरसता
- C) व्यापारिक विस्तार
- D) केवल मंदिर निर्माण
उत्तर: B) धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक समरसता
व्याख्या: भक्ति आंदोलन ने समाज में समता, भाईचारे और धार्मिक सहिष्णुता की भावना को प्रबल किया।
निष्कर्ष
इन प्रश्नों से स्पष्ट होता है कि भक्ति आंदोलन केवल एक धार्मिक आंदोलन नहीं था, बल्कि यह समाज, संस्कृति, साहित्य और लोकजीवन में गहरा परिवर्तन लाने वाला आंदोलन था।
0 Comments